वैक्सीन सर्टिफिकेट पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने लगवाई अपनी फोटो, जानें क्यों हो रहा है विवाद
कोरोना की मार से देश जूझ रहा है, आज की बुरी खबर ये है कि मौत का आंकड़ा 3 लाख के पार पहुंच गया है. अमेरिका के बाद भारत दूसरा देश है जहां सबसे ज्यादा मौत हुई है. उम्मीद वैक्सीन से है लेकिन वो भी मिल नहीं रही. एक तरफ कोरोना की मार है दूसरी तरफ नेता एक दूसरे के खिलाफ तलवार खींचे खड़े हैं. एक पार्टी दूसरे पर कीचड़ उछालने में लगी है तो कहीं चेहरा चमकाने की होड़ लगी है.
क्या है फोटो का विवाद?
दरअसल, विवाद इस बात को लेकर हो रहा है कि वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर तस्वीर किसकी लगे? अभी वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर होती है. लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने ये तस्वीर बदल दी. छत्तीसगढ़ में अब वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तस्वीर चिपका दी गई है. बीजेपी सवाल उठा रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार कह रही है कि जिसका पैसा उसकी तस्वीर.
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने इस पर कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह कोई मुद्दा होना चाहिए. जब भारत सरकार पैसा और वैक्सीन प्रोवाइड करा रही थी तो सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की फोटो थी. ”
टीएस सिंह देव ने आगे कहा “ अगर राज्य सरकार कुछ कर रही है तो हम उनकी जगह मुख्यमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल करेंगे. जब केंद्र ने वित्तीय बोझ उठाने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी है और राज्य सरकारें अपने स्वयं के टीके खरीद रही हैं तो वे अपने स्वयं के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट क्यों नहीं जारी करें? वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों होनी चाहिए? ”
संकट में भी तेज हुई सियासत
विवाद हुआ तो जीतन राम मांझी भी कूद पड़े, बिहार में एनडीए की सरकार में सहयोगी मांझी के मन में भी तस्वीर को लेकर सवाल है. तकरार सिर्फ तस्वीर पर नहीं है, कोरोनाकाल में बोल पर भी बवाल मचा हुआ है. एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ के मुंह से कोरोना का इंडियन वैरियंट क्या निकला, बीजेपी बरस पड़ी.
बीजेपी ने कमलनाथ के खिलाफ शिकायत कर दी तो कांग्रेस विरोध में सड़क पर उतर गई और देश के कानून और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज कराने पहुंच गई. राजनीति के बदलापुर का एक और अध्याय छत्तीसगढ़ में भी दिख रहा है जहां कथित टूलकिट को लेकर पुलिस रमन सिंह के घर तक पहुंच गई. अब सवाल ये है कि जब देश को टीके का इंतजार है, कोरोना से इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था चाहिए, तीसरी लहर का कहर न बरपे इसके इंतजाम चाहिए तब ये राजनीति के मैदान में घमासान क्यों है, क्योंकि देश कह रहा है कि टीका चाहिए, टकराव नहीं ?