कांग्रेस में जान फूंकने का फॉर्मूला 80 दिन बाद भी लागू नहीं कर पाए खरगे; पहले खुद भी देना पड़ेगा इस्तीफा
कांग्रेस की कमान संभाले मल्लिकार्जुन खरगे को 80 दिन बीत गए, लेकिन संगठन के भीतर कोई बदलाव अब तक नहीं हो सका है. खरगे के पास वर्तमान में खुद दो पोस्ट है, जबकि चुनाव से पहले उन्होंने एक पोस्ट छोड़ने की बात कही थी. खरगे कांग्रेस अध्यक्ष के साथ-साथ वर्तमान में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं.
उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में करारी हार के बाद पार्टी में जान फूंकने के लिए कांग्रेस ने उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किया. शिविर में प्रस्ताव पास कर पार्टी ने संगठन के भीतर आमूलचूल परिवर्तन की भी बात कही थी. इसी वजह से नए अध्यक्ष का चुनाव कराया गया और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे को कांग्रेस की बागडोर मिली.
खरगे पूरे चुनाव में उदयपुर प्रस्ताव को लागू करने की बात कहते रहे. माना जा रहा था कि खरगे के अध्यक्ष बनते ही पार्टी में बड़े बदलाव होंगे, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है.