बाल संत के नाम से मशहूर अभिनव अरोड़ा ने सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल करने वाले 7 यूट्यूबर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने मथुरा की जिला अदालत में याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी.
अभिनव अरोड़ा के वकील पंकज आर्य ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कुछ लोगों का एक ग्रुप है जिन्होंने अभिनव अरोड़ा और सनातन धर्म के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है. उसी के खिलाफ हमने कोर्ट में अपील की है. इन्हें हम तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा. फिर चाहें इसके लिए हमें हाईकोर्ट जाना पड़े या सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े.
यूट्यूबर्स पर FIR दर्ज करने की मांग
पंकज आर्य ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 25 हमें धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी देता है कि हम अपने धर्म का पालन कर सकें. इन यूट्यूबर्स की दिक्कत ये हैं कि इनके अपने जो संस्कार हैं इनके अपने घर के बच्चे राधे-राधे नहीं बोल पाते. एक बच्चा जो राधे-राधे बोल रहा है उससे उन्हें परेशानी होती है. हमने कोर्ट में इन यूट्यूबर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सख्त सजा की मांग की है. ताकि ये जो हमारी बॉडी शेमिंग कर रहे हैं हमें और सनातन धर्म को डिफेम करने की कोशिश कर रहे हैं उसके खिलाफ हमें न्याय मिले.
अभिनव अरोड़ा का छलका दर्द
वहीं पूरे मामले पर अभिनव अरोड़ा ने एक कविता के ज़रिए अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि “हम इतने भी बुरे नहीं थे, जितने इल्जाम लगाए लोगों ने. चंद लाइक और व्यूज के लिए न जाने कितनी बात बनाई लोगों ने, भेड़चाल में चलकर न कैसे सब बहक गए, राधा नाम लेने को भी धंधा बताया लोगों ने. मैं अदना सा बालक तो कान्हा जी का सेवक हूं, मेरी तो छोडो इनकी भक्ति का मजाक बनाया लोगों ने. जलकर राख होकर भी, भक्ति को समर्पित है जीवन मेरा, मैं इतना बूढ़ा हूं क्या, जितने इल्जाम लगाए लोगों ने.”
दरअसल अभिनव अरोड़ा का पिछले दिनों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वो जगतगुरू रामभद्राचार्य के मंच पर दिखाई दिए लेकिन उन्हें मंच से उतार दिया गया था, जिसके बाद दावा किया गया कि रामभद्राचार्य ने उन्हें मूर्ख बताते हुए मंच से उतारा. इस घटना को लेकर अभिनव अरोड़ा को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया.
