Uttarakhand Assembly Election:10 मार्च को मिलेंगे इन 10 चर्चित सवालों के जवाब, नतीजे खोलेंगे कई राज, किसके सिर सजेगा का ताज
विस्तार
1-क्या भाजपा सरकार बनाकर तोड़ेगी मिथक?
राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले राज्य के तकरीबन हर जनमानस की जुबां पर यह सवाल तैर रहा है। पिछले चार विस चुनाव का यह रिकॉर्ड है कि यहां सरकार रिपीट नहीं होती। भाजपा के सामने इस मिथक को तोड़ने की चुनौती है।
2- क्या सीएम धामी चुनाव जीतकर बनाएंगे रिकॉर्ड?
उत्तराखंड की निर्वाचित सरकारों में जब-जब मुख्यमंत्री चुनाव लड़े, उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 2012 में तत्कालीन सीएम मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी (सेनि) कोटद्वार और 2017 में तत्कालीन सीएम हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा सीट से चुनाव हारे थे। धामी खटीमा से चुनाव लड़े। वह अपनी जीत को लेकर सौ फीसदी आश्वस्त हैं।
3- क्या धरे रह जाएंगे गंगोत्री और रानीखेत के मिथक?
लोगों की निगाहें गंगोत्री और रानीखेत विधानसभा से जुड़े मिथक पर भी लगी है? चार चुनाव से यह मिथक चला आ रहा है कि गंगोत्री से जिस दल का प्रत्याशी विजयी होता है, प्रदेश में उस दल की सरकार बनती है। रानीखेत में जिस दल का प्रत्याशी जीतता है, प्रदेश में उस दल की सरकार नहीं बनती। क्या इस बार ये दोनों मिथक बरकरार रहेंगे या धरे रह जाएंगे?
4-क्या शिक्षा मंत्री और पेयजल मंत्री चुनाव जीतेंगे
उत्तराखंड के चुनावी इतिहास से जुड़ा एक दिलचस्प मिथक यह भी है कि यहां शिक्षा मंत्री और पेयजल मंत्री चुनाव हार जाते हैं। इस बार गदरपुर से चुनाव लड़े शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल के सामने इस मिथक को तोड़ने की चुनौती है।