FPI Investors: विदेशी निवेशक जमकर निकाल रहे बाजार से पैसा, दो फीसदी घटकर हिस्सेदारी 654 अरब डॉलर पहुंची
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अक्तूबर 2021 से सिलसिला तेज
रिपोर्ट के मुताबिक, अक्तूबर 2021 के बाद से विदेशी निवेशकों के बाजार से पैसे निकालने का सिलसिला तेज हो गया है। यहां बता दें कि इससे पिछले साल यानी दिसंबर 2020 के अंत में भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई निवेश का मूल्य 518 अरब डॉलर था। इस बीच घरेलू निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा बना हुआ है। इसका अंदाजा इस बात से लग सकता है कि घरेलू निवेशक (डोमेस्टिक इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स) ने भी इस अवधि में 1.38 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
लॉर्ज और मिड कैप में भारी गिरावट
विदेशी निवेशकों के द्वारा की जा रही बिकवाली और भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट से उनके निवेश में गिरावट देखने को मिल रही है। समीक्षाधीन अवधि में खासतौर से लार्ज कैप और मिड कैप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इस गिरावट को रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष और बढ़ाने का काम कर रहा है। गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को आठ दिन बीत चुके हैं और ये लगातार बढ़ रहा है। इससे निवेशकों की धारणाओं पर खासा असर पड़ रहा है।
भारतीय बाजार में योगदान घटा
अक्तूबर-दिसंबर तिमाही की अवधि में गिरावट के कारण भारतीय शेयर बाजार के पूंजीकरण में एफपीआई का योगदान भी कम हो गया है। यह घटकर 18.3 फीसदी रह गया, जो सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही में 19 फीसदी रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार में 5.12 अरब डॉलर की बिकवाली की, जबकि इससे पहले सितंबर तिमाही में एफपीआई ने 563.43 मिलियन डॉलर की खरीदारी की थी।