करीब 4 साल तक पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद घर लौटे गुजरात के 20 मछुआरे, पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
पाकिस्तान की ओर से रिहा किए गए 20 भारतीय मछुआरे गुरुवार को गुजरात के जूनागढ़ शहर पहुंच गए। सभी मछुआरे मंगलवार को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे। मछुआरों ने बताया कि पाकिस्तानी मरीन मछली पकड़ते समय उन्हें समुद्र अरेस्ट कर कराची ले गई थी। यहां वे करीब 4 साल से लांधी जेल में बंद थे।
परिवार की मदद के लिए पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
हाल ही में भारत द्वारा कुछ पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा किया गया था। इसी के बदले में पाकिस्तान ने इन मछुआरों को रिहा किया है। पाक की जेल में बंद इन मछुआरों के परिवारों को केंद्र सरकार द्वारा हर महीने 9 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही थी। इस मदद के लिए मछुआरों ने पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है।
लांधी जेल के अधीक्षक इरशाद शाह ने कहा कि भारतीय अधिकारियों की ओर से मछुआरों की राष्ट्रीयता की पुष्टि करने के बाद सद्भावना के तौर पर इन्हें रिहा कर दिया गया है। इरशाद शाह ने कहा कि इन मछुआरों ने करीब चार साल जेल में गुजारे थे और पाकिस्तान सरकार की ओर से सद्भावना के तौर पर रविवार को इन्हें रिहा कर दिया गया। गैर-लाभकारी सामाजिक कल्याण संगठन एधी ट्रस्ट फाउंडेशन ने मछुआरों को लाहौर में वाघा सीमा तक ले जाने की व्यवस्था की।
588 भारतीय नागरिक लांधी जेल में बंद
इरशाद शाह ने आगे बताया कि कि अब भी 588 भारतीय मछुआरे लांधी जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा कि सिंध के गृह विभाग से मंजूरी मिलने के बाद हम इन्हें रिहा कर देते हैं। मछुआरों को पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा बल (पीएमएसएफ) ने गिरफ्तार किया था और पाकिस्तानी जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में डॉक पुलिस को सौंप दिया गया।
पहले भी किया गया था रिहा
बता दें, पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल की शुरुआत में 20 भारतीय मछुआरों और अप्रैल 2019 में 100 भारतीय मछुआरों के एक अन्य जत्थे को सद्भावना के रूप में रिहा किया था। पाकिस्तान और भारत के मछुआरे आमतौर पर एक-दूसरे के जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद जेलों में बंद कर दिए जाते हैं।