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पांच दिन के अंदर योगी कैबिनेट का विस्तार, जानें कौन, कहां से और क्यों बनेगा मंत्री

उत्तर प्रदेश में अगले पांच दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार होगा. बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का उत्तर प्रदेश दौरा खत्म होते ही, उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार होना तय हो गया है. 29 अगस्त को राष्ट्रपति अयोध्या में राम मंदिर दर्शन करने जाएंगे और उसके बाद वह दिल्ली को रवाना हो जाएंगे. राष्ट्रपति के उत्तर प्रदेश से दिल्ली रवाना होने के बाद शपथ ग्राहण की तारीख तय कर ली जाएगी. एबीपी न्यूज़ ने पहले भी इस बारे में अमित शाह के आवास पर 20 अगस्त को हुई बैठक एक बाद एक्सक्लूसिव खबर दी थी कि अगले 15 दिन में उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार होगा.

सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरकार और संगठन ने पूरी कवायद कर ली है. इसके लिए पश्चिम से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक अलग-अलग बिरादरी और क्षेत्र के विधायकों की छटनी भी कर ली गयी है. बाकायदा इन विधायकों का एक पैनल तैयार किया गया है. इनमें से जिन नामों पर केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लग जाएगी, उनको मंत्री बनाया जाएगा.

पश्चिम से शुरू करें तो सबसे पहले जाट समाज की बात कर लेते हैं. किसान आंदोलन की वजह से जाटों की नाराज़गी को दूर करने की कोशिश जाटों को मंत्री पद देकर की जा रही है, जिन विधायकों के नाम छाटें गए हैं उनमें जाट समुदाय से मंजु सीवास का नाम सबसे ऊपर है. वह गाज़ियाबाद की मोदीनगर विधानसभा से विधायक हैं और पेशे से डॉक्टर हैं, जबकि जाट समुदाय से दूसरा नाम बागपत के छपरौली से विधायक सहेंद्रव रमाला हैं. वह RLD से बीजेपी में 2018 में आए थे और RLD के एकमात्र विधायक हैं.

गुर्जर समाज से भी मंत्री बनाया जाएगा. मेरठ से विधायक सोमेंद्र गुर्जर का नाम सबसे ऊपर है. वह पहली बार विधायक बने हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से बीजेपी में आए और अब मंत्री बनाए जा सकते हैं. वहीं दूसरा नाम गौतमबुद्ध नगर के दादरी से विधायक तेजपाल नागर का है, वह पेशे से शिक्षक हैं.

ब्रह्मणों की नाराज़गी दूर करने के लिए जतिन प्रसाद को मंत्री बनाया जा रहा है. वह हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं. उन्हें MLC भी बनाया जाएगा. वह दूसरी पीढ़ी के बड़े ब्राह्मण नेता में शुमार होते हैं.

निषाद समुदाय को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा रही है. निषाद पार्टी के संजय निषाद को MLC और मंत्री बनाया जा सकता है, जबकि एक अन्य नाम संगीता बलवंत बिंद है. वे गाज़ीपुर सदर से विधायक हैं और बिंद समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं.

पटेल और कुर्मी बिरादरी को भी योगी सरकार में जगह दी जा रही है. अपना दल के अध्यक्ष हैं आशीष पटेल. वह भी मंत्री बनाए जा सकते हैं. आशीष पटेल फिलहाल MLC हैं.
महेंद्र पाल सिंह सेंथवार भी मंत्री बनाए जा सकते हैं. वह गोरखपुर के पिपराइच से विधायक हैं. जब योगी मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे पहले अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की थी.

अदिवासी समाज से भी मंत्री बनाया जाएगा. अपना दल से उत्तर प्रदेश की छानबे विधानसभा विधायक राहुल कोल को मंत्री बनाया जा सकता है. वह पहली बार विधायक चुने गए हैं. अनुसूचित जनजाति से आते हैं, जब आदिवासी समाज से ही बीजेपी विधायक संजय गोंड का नाम भी सम्भावित मंत्रियों की सूची में है. वे सोनभद्र के ओबरा से विधायक हैं. अनुसूचित जनजाति से आते हैं, अपनी सादगी के लिए चर्चित रहते हैं.

अनुसूचित जाति से रवि सोनकर को मंत्री बनाया जा सकता है. वे सोनभद्र ज़िले की महादेवा सीट से विद्यायक हैं. पिता कल्पनाथ सोनकर 1989-1991 सांसद रह चुके हैं. अनुसूचित जाति में अच्छा असर रखते हैं.

अगले पांच दिनों में मंत्रिपरिषद का विस्तार हो जाएगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में छूट गयी जातियों को जगह देकर अब इन्हें मंत्रिमंडल प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है. पार्टी अब चुनावी गणित, क्षेत्रीय और जातीय आंकड़ो को साधकर चुनावी रणनीति को मज़बूत और जीत पक्की करने में जुटी हुई है.

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